(DOWNLOAD) "Bikhare Moti" by Subhdra Kumari Chauhan # eBook PDF Kindle ePub Free

eBook details
- Title: Bikhare Moti
- Author : Subhdra Kumari Chauhan
- Release Date : January 10, 2010
- Genre: Short Stories,Books,Sci-Fi & Fantasy,Fantasy,Reference,Foreign Languages,
- Pages : * pages
- Size : 620 KB
Description
मैं ये ‘बिखरे मोती’ आज पाठकों के सामने उपस्थित करती हूँ; ये सब एक ही सीप से नहीं निकले हैं। रूढ़ियों और सामाजिक बन्धनों की शिलाओं पर अनेक निरपराध आत्माएँ प्रतिदिन ही चूर-चूर हो रही हैं। उनके हृदय-बिन्दु जहाँ-तहाँ मोतियों के समान बिखरे पड़े हैं। मैंने तो उन्हें केवल बटोरने का ही प्रयत्न किया है। मेरे इस प्रयत्न में कला का लोभ है और अन्याय के प्रति क्षोभ भी। सभी मानवों के हृदय एक-से हैं वे पीड़ा से दुःखित, अत्याचार से रुष्ट और करुणा से द्रवित होते हैं। दुख, रोष और करुणा, किसके हृदय में नहीं है ? इसीलिए ये कहानियाँ मेरी न होने पर भी मेरी हैं, आपकी न होने पर भी आपकी और किसी विशेष की न होने पर भी सबकी हैं। समाज और गृहस्थी के भीतर जो घात-प्रतिघात निरंतर होते रहते हैं उनकी यह प्रतिध्वनियाँ मात्र हैं; उन्हें आप ने सुना होगा। मैंने कोई नई बात नहीं लिखी है; केवल उन प्रतिध्वनियों को अपने भावुक-हृदय की तन्त्री के साथ मिलाकर ताल स्वर में बैठाने का ही प्रयत्न किया है।